Mookmati Mein Kala aur Vigyan

  • Format:

प्रख्यात विदुषी डॉ. नीलम जैन ने मूकमाटी महाकाव्य में निहित कला एवं विज्ञान सम्बन्धी प्रसंगों का अति सूक्ष्मता एवं गहनता से विवेचन किया है।\nमूकमाटी में साधारण सी प्रतीत होने वाली माटी के माध्यम से साधारण स्तर से उठना और सर्वोत्कृष्ट बिन्दु पर प्रतिष्ठापना, जीवन के मर्म का हृदयंगम साथ ही तप, समर्पण, लोककल्याण और उत्सर्ग के मार्ग को भी स्पष्ट किया गया है। माटी के अन्दर ऐसा गुण है जो किसी के गुण को नष्ट नहीं करती अपितु यथासम्भव बीज के गुण को निखारती है, अमृतत्व प्रदान करती है इसी माटी को प्रमुख पात्र बनाकर मूकमाटी में रचनात्मक रमणीयता एवं जीवन उत्थान की सूत्रात्मक भव्यता का भाषिक प्रस्तुतीकरण है। इसे अपनी चमत्कारिणी अभिज्ञान-प्रज्ञा से आचार्य श्री विद्यासागर ने मौलिक वैशिष्ट्य से अभिमण्डित किया है । कृति जीवन को परिष्कृत एवं सांस्कृतिक बनाने में सक्षम है।\n\n- प्रकाशक

डॉ. नीलम जैन शिक्षा : एम. ए., पी-एच.डी. । यूरोप, अमेरिका आदि विश्व के अनेक देशों की साहित्यिक यात्राएँ। स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका की विजिटिंग स्कॉलर । जैन दर्शन एवं रामकथा विशेषज्ञ के रूप में अनेक राष्ट्रीय- अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में ससम्मान आमन्त्रित । देश-विदेश की शताधिक संगोष्ठियों में सहभागिता । पुरस्कृत पुस्तकें : प्राकृत भाषा में राम कथा, सराक क्षेत्र, समाज निर्माण में महिलाओं का योगदान, माटी का सौरभ, क्रान्ति वीर : कुँवर सिंह, जैन लोक साहित्य में नारी, संस्कृति एवं सभ्यता के उन्नायक ऋषभदेव, विदुषी विद्योत्तमा, जैन रिलिजन एंड साइंस, दिसम्बर के दिगम्बर, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में तीर्थंकर महावीर, मूक माटी में कला और विज्ञान, तम्बाकू : जहर ही जहर, शाकाहारः एक जीवन पद्धति, विश्वविद्यालयों में साहित्य पर शोध पाठ्यक्रमों में रचनाएँ। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में 100 से भी अधिक रचनाएँ प्रकाशित 53 पुस्तकों की प्रस्तावना लेखक जैन दर्शन सार (तीन भाग) का सम्पादन । 12 पुस्तकें प्रकाशित 1 अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का सम्पादन प्रतिष्ठित पुरस्कार : आचार्य विद्यासागर अवार्ड, जॉर्ज बर्नार्ड शा मेमोरियल ऑनर, महावीर पुरस्कार, स्वयंभू पुरस्कार, गोल्डन जुबली फाउण्डेशन पत्रकारिता पुरस्कार, आचार्य हस्तीमल शाकाहार पुरस्कार, आर्यिका रतन रत्न पुरस्कार, साहू श्रीम रमा जैन महिला प्रतिभा पुरस्कार, गुरु आशीष पुरस्कार, ऋषभांचल पुरस्कार, पुरस्कार, श्रुत 28 पुरस्कार । गोमटेश विद्यापीठ संवर्धन पुरस्कार, पुरस्कार, गिरनार गौरव वाग्मिता पुरस्कार आदि उपाधि : जैन-ज्योत्सना, श्रुतश्री, वाणी-गौरव, अक्षर-साधिका, महिला-रत्न, नारी-गौरव आदि अनेक उपाधियाँ | 1,000 से अधिक मंचों पर सम्मान। टीवी पर अनेक वार्ताएँ। विधानसभा राजभवन में जैन कार्यक्रम संयोजन। 50 से अधिक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों में प्रस्तावना लेखन । अन्तर्राष्ट्रीय जनर्लस में शोधपत्र प्रकाशित। शुभचिन्तक फाउंडेशन ट्रस्ट की अध्यक्ष | अनेक साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं के केन्द्रीय पदों पर आसीन । श्री देशना पत्रिका की सम्पादक । सम्पर्क : 21, शास्त्रीनगर, सहारनपुर (उ. प्र. ) ईमेल : drneelamjain26@gmail.com

डॉ. नीलम जैन

Customer questions & answers

Add a review

Login to write a review.

Related products

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟