भारत के राजनीतिक इतिहास का 'स्वर्णयुग' कहे जाने वाले गुप्तकाल के कथानक को लेकर लिखे गए विशाखदत्त के संस्कृत नाटक में उस समय के समाज के चित्रण है। राजनीति के सफल खिलाड़ी महामंत्री चाणक्य, मंत्री राक्षस और सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय के काल से संबंधित इस नाटक में राजनीतिक परिस्थितियों का रोचक वर्णन है।\nबहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार रांगेय राघव ने अपनी विद्वत्तापूर्ण शैली में इसका सुंदर रूपांतरण किया है।
Add a review
Login to write a review.
Customer questions & answers