Musafirडॉ. बशीर बद्र के शेरों में जज़्बे और एहसास की जो घुलावट मिलती है वो उन्हें दूसरे शायरों से न सिर्फ़ अलग करती है बल्कि उनमें ग़ज़ल की आम लफ़ज़ियात से शऊरी गुरेज़ और इर्द गिर्द के माहौल से उनकी ज़ेहनी कुर्बत उन तब्दीलियों का इशारा बनती है जो बाद में ज़्यादा सफ़ाई और चतुराई के साथ उनकी ग़ज़ल की शिनाख़्त मानी जाती है . बशीर बद्र की आवाज़ दूर से पहचानी जाती है .Narazनाराज़ राहत इंदौरी राहत की पहचान के कई हवाले हैं - वो रंगों और रेखाओं के फनकार भी हैं, कॉलेज में साहित्य के उस्ताद भी, मक़बूल फिल्म के गीतकार भी हैंऔर हर दिल अज़ीज़ मशहूर शायर भी है I इन सबके साथ राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में इंसान की अंदरुनी और बाहरी कश्मकश के प्रत्यक्षदर्शी भी हैं I राहत की शख़्सियत के तमाम पहलू उनकी ग़ज़ल के संकेतों और प्रतीकों में छलकते हैं I उनकी शायरी की सामूहिक प्रकृति विद्रोही और व्यंगात्मक है, जो सहसा ही परिस्तिथियों का ग़ज़ल के द्वारा सर्वेक्षण और विश्लेषण भी है I राहत की शायरी की भाषा भी उनके विचारों की तरह सूफ़ीवाद का प्रतिबिंब है I प्रचारित शब्दावली और अभिव्यक्ति की प्रचलित शैली से अलग अपना रास्ता बनाने के साहस ने ही राहत के सृजन की परिधि बनाई है I निजी अवलोकन और अनुभवों पर विश्वास ही उनके शिल्प की सुंदरता और उनकी शायरी की सच्चाई है I - निदा फाज़ली\n\n
Add a review
Login to write a review.
Customer questions & answers