नींद क्यों रात भर नहीं आती - \nयह नाटक मनुष्य के मनोविज्ञान को दर्शाता है। जीवन की उहापोह की स्थितियों को कई घटनाओं के माध्यम से यह नाटक स्पष्ट करता है। नाटक वास्तविक और सामाजिक जीवन की तारतम्यता को उल्लेखित करता है। यह नाटक इसलिए भी विशिष्ट है क्योंकि इसमें आधुनिक जीवन में मनुष्य की मनोदशा को सूक्ष्म ब्योरों द्वारा सन्दर्भित किया गया है। कला पक्ष की बात की करें तो सुरेन्द्र वर्मा का नाम आधुनिक युग के श्रेष्ठ रचनाकारों में शुमार है।
सुरेन्द्र वर्मा जन्म : 7 सितम्बर, 1941 शिक्षा : एम.ए. (भाषाविज्ञान) अभिरुचियाँ : प्राचीन और मध्यकालीन भारतीय इतिहास, सभ्यता एवं संस्कृति; रंगमंच तथा अन्तरराष्ट्रीय सिनेमा में गहरी दिलचस्पी । कृतियाँ : मुग़ल महाभारत, तीन नाटक, सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक, आठवाँ सर्ग, शकुन्तला की अँगूठी, क़ैद-ए-हयात, रति का कंगन (नाटक); नींद क्यों रात भर नहीं आती (एकांकी); जहाँ बारिश न हो (व्यंग्य); प्यार की बातें, कितना सुन्दर जोड़ा (कहानी-संग्रह); अँधेरे से परे, मुझे चाँद चाहिए, दो मुर्दों के लिए गुलदस्ता और काटना शमी का वृक्ष पद्मपंखुरी की धार से (उपन्यास)। सम्मान : संगीत नाटक अकादेमी और साहित्य अकादेमी द्वारा सम्मानित । सम्पर्क : टी-6, ग्रीन व्यू अपार्टमेंट्स, मांडी, नयी दिल्ली-110047 मो. : 09268125668 ई-मेल : svstormysoul@gmail.com
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