ऑपरेशन महिषासुर - \nराकेश कुमार सिंह का यह ताज़ा उपन्यास 'ऑपरेशन महिषासुर' दो दुनियाओं की दो भिन्न अवधारणाओं के संघर्ष की कहानी है।\nविश्व में अलग-अलग भू-खंडों पर अलग-अलग नामों से अनेक युद्ध लड़े गये हैं... लड़े जा रहे हैं। लक्ष्य...? प्राकृतिक संसाधनों पर प्रभुत्व! आर्थिक लिप्सा की दुनिया और बेहतर कल हेतु बेहतर प्रकृति की दुनिया के बीच जारी इसी 'टंग ऑफ़ वार' की दास्तान है यह उपन्यास।\nत्रुटिपूर्ण सरकारी नीतियाँ, असमानुपातिक आर्थिक विकास, शासन सत्ता का पूँजी उन्मुख चिन्तन और औद्योगिक घरानों एवं बहुराष्ट्रीय निगमों के पूँजीवादी अभियानों ने विकास के नाम पर जल-जंगल-ज़मीन पर कब्ज़े की अन्धी अमानवीय लूट की अनिवार्य परिणति तय कर दी है: वनोन्मूलन, जनजाति उन्मूलन, प्रतिरोध उन्मूलन और अन्ततः चिर विस्थापन जिसने सदियों से शोषित-वंचित-दमित-उपेक्षित जनजातीय समुदाय को ऐसी कगार तक धकेल दिया है जहाँ मात्र दो विकल्प हैं... प्रतिरोध या सर्वनाश !\nप्रस्तुत उपन्यास समानता और विषमता, न्याय और अन्याय, भारत और इंडिया के बीच चल रही रस्साकशी की कहानी है। यह नयी आर्थिक नीति के विनाशवादी अभियान और बेलगाम पूँजी के दमनचक्र के विरुद्ध संगठित होते बनैले खलनायकों की कथा है।
राकेश कुमार सिंह - जन्म: 20 फ़रवरी, 1960, ग्राम गुरहा, ज़िला पलामू (झारखण्ड) में। शिक्षा: स्नातकोत्तर, रसायन विज्ञान (पीएच.डी.) एवं विधि स्नातक हरप्रसाद दास जैन महाविद्यालय, आरा में शिक्षण। प्रमुख कृतियाँ: 'हाँका तथा अन्य कहानियाँ', 'ओह पलामू...!', 'जोड़ा हारिल की रूपकथा', 'महुआ मान्दल और अँधेरा' (कहानी-संग्रह); 'जहाँ खिले हैं रक्तपलाश', 'पठार पर कोहरा', 'जो इतिहास में नहीं है', 'साधो, यह मुर्दों का गाँव', 'हुल पहाड़िया', 'महाअरण्य में गिद्ध' (उपन्यास); 'केशरीगढ़ की काली रात', 'वैरागी वन के प्रेत' (किशोर उपन्यास); 'कहानियाँ ज्ञान की विज्ञान की', 'आदिपर्व', 'उलगुलान', 'अग्निपुरुष', 'अरण्य कथाएँ', 'अवशेष कथा' (बालोपयोगी पुस्तकें)। सम्मान : झारखण्ड का प्रतिष्ठित 'राधाकृष्ण सम्मान' (2004), सागर (मध्य प्रदेश) का 'दिव्य रजत अलंकार' (2002), 'कथाक्रम कहानी प्रतियोगिता' (2001-2002), 'कथाबिम्ब कहानी प्रतियोगिता' (2002), 'कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार' (2008)। 'ठहरिए आगे जंगल है' पर दूरदर्शन द्वारा इसी नाम से टेलीफ़िल्म निर्मित प्रदर्शित। कई कहानियाँ पंजाबी, उड़िया, अंग्रेज़ी तथा तेलुगु में अनूदित ।
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