पञ्चतन्त्र - संस्कृत नीतिकथाओं में पञ्चतन्त्र का स्थान प्रथम माना जाता है। यद्यपि समय के साथ यह पुस्तक अब अपने मूल रूप में नहीं रह गयी है, फिर भी उपलब्ध अनुवादों के आधार पर इसकी रचना तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आस-पास निर्धारित की गयी है। इस ग्रन्थ के रचयिता पं. विष्णु भट्ट शर्मा हैं। पञ्चतन्त्र की कहानियाँ बहुत जीवन्त और सरल दृश्य बनाती हुई प्रतीत होती हैं। इनमें लोकव्यवहार को बहुत सहज तरीक़े से समझाया गया है। यह भारत का सर्वाधिक बार अनूदित साहित्यिक रचना है।
आचार्य विष्णु भट्ट शर्मा - आचार्य विष्णु भट्ट शर्मा प्रसिद्ध संस्कृत नीतिपुस्तक पञ्चतन्त्र के रचयिता थे। नीतिकथाओं में पञ्चतन्त्र का पहला स्थान है। उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर कहा जा सकता है कि जब इस ग्रन्थ की रचना पूरी हुई, तब उनकी उम्र 80 वर्ष के क़रीब थी।
विष्णु भट्ट शर्माAdd a review
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