पंडित, पुरोहित और राजनेता को ओशो ने अपनी इस पुस्तक में मानव आत्मा के शोषक माना है, वे कहते हैं कि तुम्हें पता रहना चाहिए कि असली अपराधी कौन हैं। समस्या यह है कि वे अपराधी महान नेता, साधु, संत, महात्मा समझे जाते हैं। इसलिए मुझे इन सारे लोगों का भंडाफोड़ करना ही होगा, क्योंकि वे ही कारण हैं।, क्योंकि किसी ने उनके खिलाफ उंगली नहीं उठाई। मेरे लिए सर्वाधिक कठिन काम है तुम्हें सचेत करना कि इन लोगों ने ही जाने अथवा अनजाने, उससे फर्क नहीं पड़ता, यह दुनिया तैयार की है|
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