प्यारे बच्चों, 'पानी का बदला' बाल कहानी संग्रह की बीस चुलबुली और नटखट बाल कहानियाँ आपको गुदगुदाएंगीं, हँसाएंगी और चुपके से कुछ अच्छा सिखा जाएंगी। इन कहानियों में हास्य, चुलबुलापन तो है ही साथ ही नैतिकता, पर्यावरण और आदतों के बारे में भी बात की गई है। 'कुछ अच्छा हो जाए', 'कुहू हँस पड़ी', 'दरवाजे के पीछे कौन' कहानियाँ बालमन को बड़ी कुशलता से हमारे सामने रख देता है। 'जलपरी से मुलाकात' जैसी प्यारी कहानी में जलपरी, चालवी और उसकी बांसुरी हमें किसी और लोक में ले जाती है। मन करता है बाँसुरी की मीठी धुन सी कहानी चलती ही जाए। 'कौन जीता कौन हारा' कहानी में खरगोश और कछुए के बीच एक बार फिर रेस होती है उसका क्या परिणाम रहा यह जानना बड़ा ही रोचक है। कहानियों के किरदार मानव, पशु-पक्षी, जलपरियां, फूल-बादल तो हैं ही पर जब किसी कहानी में घास, पेड़, झूला, और पार्क की बेंच भी बोल उठे तो मन खुश हो जाता है। ये सभी किरदार किन कहानियों में है ये जानने के लिए यह संग्रह जरूर पढ़ें। कल्पना की अद्भुत उड़ान से भरा यह प्यारा सा बाल संग्रह बच्चों के मन को जरूर भाएगा।
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