राजाओं और राज्यों के बारे में पर्याप्त इतिहास लिखा गया है, लेकिन इस पुस्तक के माध्यम से हमें समकालीन विस्मृत व अल्प ज्ञात शासकों उनके मंत्रियों के पराक्रम और परम्परा की अनकही ऐतिहासिक गाथाओं की जानकारी प्राप्त होती है। यह एक रोमांचकारी एतिहासिक पुस्तक है। इसमें ऐसे व्यक्तियों के इतिहास की दिलचस्प कहानियां शामिल हैं, जिनके पूर्वजों ने मध्यकाल के दौरान राजपूताना में विभिन्न शासकों और अमात्यों के रूप में उच्च पदों पर कार्य किया था। वे अक्सर इन कहानियों के मुख्य किरदार थे। विरासत और संस्कृति के परिचितों को यह पुस्तक न केवल कथात्मक और प्रेरक बल्कि सरल लेखन शैली के कारण भी आकर्षक लगनी चाहिए।
<p>कमांडर प्रताप सिंह मेहता, रक्षा अध्ययन में स्नातकोत्तर के साथ, भारतीय नौसेना और 1971 के भारत-पाक युद्ध के एक अनुभवी वेटरन रहे हैं। वे उन्नीसवीं शताब्दी में मेवाड़ राज्य के वरिष्ठ सैन्य कमांडर लक्ष्मीलाल मेहता एवं निष्ठावान प्रधान मंत्री राय पन्नालाल मेहता सी.आई.ई. के प्रपौत्र हैं। वे समुद्री विज्ञान में भारतीय नौसेना अकादमी के स्नातक हैं, लेकिन वे हमेशा राजपुताना के इतिहास के बारे में बहुत भावुक हैं। इतिहास के प्रति उत्साही होने के नाते, वह अपने पूर्वजों के इतिहास के एक उत्सुक पर्यवेक्षक भी हैं। वे आपके प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करेंगे : captainpsm@gmail.com<br /> <br><br><br /> प्रताप ने हाल ही में एक कॉफी टेबल बुक (अंग्रेजी), 'राजपूताना क्रॉनिकल्स: गन्स एंड ग्लोरीज़' प्रकाशित की है, जिसकी 2016 से भारतीय उपमहाद्वीप में सैकड़ों प्रतियां बिक चुकी हैं। आज वह एक मोटिवेशनल कोच, ट्रेनर और स्पीकर हैं। उनके प्रयास इस बात पर केंद्रित रहे हैं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए क्या विरासत छोड़ी जा सकती है।</p>
Pratap Singh MehtaAdd a review
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