परमवीर चक्र विजेता -\nअगर हम शान्तिपूर्ण ढंग से अच्छे पड़ोसी के सम्बन्ध नहीं रख सकते तो हमें सतर्क रहना पड़ेगा और हम सेना पर ख़र्च घटा नहीं सकते। हम खुद लड़ने को उतावले नहीं हैं और न ही हमारी आक्रमण की कोई मंशा है लेकिन हम भारत की सुरक्षा पर आँच नहीं आने देंगे। हम दोस्ती चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर भी इसी तरह का अहसास होना चाहिए। ——सरदार पटेल \n(6 जनवरी, 1950, मुम्बई की सभा में भाषण)
मनोहर बाथम - सृजन एवं पुरस्कार : पहली गद्य पुस्तक 'आतंकवाद चुनौती और संघर्ष’ के लिए पं. गोविन्द वल्लभ पन्त पुरस्कार एवं इन्दिरा गाँधी राजभाषा राष्ट्रीय पुरस्कार। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा सृजनात्मक लेखन के लिए 'अस्तित्व का संकट और मानव अधिकार’ पुस्तक पुरस्कृत। अंग्रेज़ी पुस्तक 'The man who saw tomorrow' एवं 'Writing of a Rustam' का सम्पादन। 'उत्कृष्ट सेवा राष्ट्रपति पुलिस पदक' एवं 'सराहनीय सेवा राष्ट्रपति पुलिस पदक' से सम्मानित । अनुभव एवं उपलब्धि : सीमा प्रबन्धन, आतंकवाद एवं मानवाधिकार विषयों पर विशेष शोध एवं लेखन। तीन कविता संग्रह प्रकाशित। 'सरहद से' कविता संग्रह का 17 भारतीय भाषाओं में अनुवाद।
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