पत्रकारिता पर एक मुक्कमल पुस्तक! मुक्कमल पुस्तक का मतलब यह नहीं कि इसमें पत्रकारिता के विविध आयामों को समेटा गया है, यह भी नहीं कि इसके सम्पादक ने आज इस क्षेत्र में सक्रिय अग्रणी व्यक्तियों के महत्त्वपूर्ण विचारों से इसे सँजोया है, न ही यह कि इसे वरिष्ठ से युवा तक के अवदानों से संयोजित किया है- अपितु इसका मुक्कमल होना इस अर्थ में है कि इसे पत्रकारिता की आत्मा की रक्षा करते हुए और आत्मा की रक्षा के आवश्यक सन्दर्भों को रेखांकित करते हुए विकसित किया गया है।
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