युवा कहानीकार प्रदीप जिलवाने का कहानी संग्रह 'प्रार्थना-समय'उत्तर आधुनिक समय की जटिलताओं के बीच ताजा हवा के झोंके की तरह है। निहायत मामूली, परिचित, दैनन्दिन उलझनें और सवाल लेकिन कहन की गढऩ अपनी सादगी में मानवीय संघर्षों और द्वन्द्वों की पर्तें खोलते हुए आगे बढ़ जाती है। वर्तमान यथार्थ की बहुस्तरीय जटिलताओं से मुठभेड़ करती ये कहानियाँ एक खाली स्पेस को सार्थकता से भरती हैं जिसमें सामान्य कथावाचन को अद्भुत प्रयोगशीलता से आज के समय को धारण करने योग्य बनाया गया है।
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