प्रशिक्षण कला प्रस्तुत पुस्तक में प्रशिक्षण से संबंधित सभी प्रमुख पहलुओं के विविध आयामों की चर्चा की गई है। नौ खंडों में वर्णित ये पहलू हैं—संगठन में प्रशिक्षण की भूमिका और महत्त्व, प्रशिक्षक की भूमिका, सिखाने के मनोवैज्ञानिक पक्ष, प्रशिक्षण प्रबंध के आवश्यक अंगों की चर्चा, संप्रेषण कला का विकास, प्रशिक्षण के प्रमुख तरीके और उनका अभ्यास, सहायक सामग्री और प्रशिक्षण की समीक्षा एवं मूल्यांकन आदि। पुस्तक का उपयोग व्यावहारिक ढंग से किया जा सके, इसके लिए इसमें अनेक प्रयोग, सुझाव, अभ्यास, जाँच-यंत्र आदि सम्मिलित किए गए हैं। प्रशिक्षण से किसी भी तरह से संबद्ध पाठकों के लिए उपयोगिता का ध्यान रखते हुए प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गई है। विश्वास है, यह कृति पाठकों के लिए जानकारीपरक व उपयोगी सिद्ध होगी।
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