राग माला - \nजॉर्ज हैरिसन द्वारा 'द गॉड फादर ऑफ़ वर्ल्ड म्यूजिक' से अभिषिक्त विश्व-प्रसिद्ध संगीत आचार्य के असाधारण जीवन का सुन्दर आलेख।\nरवि बड़े मित्रवत् थे और उनसे संवाद आसान था। इस समय तक बीटल बहुतों से मिल चुके थे प्रधानमन्त्रियों, प्रसिद्ध व्यक्तियों, राजाओं—लेकिन मैंने यहाँ तक सोचा कि मैं ऐसे आदमी से मिलूँ जो सचमुच मुझे प्रभावित कर सके। और जब मैं रवि से मिला... वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने केवल प्रसिद्ध व्यक्ति से अधिक प्रभाव मुझ पर डाला।\nरवि ने पूर्ण सच्चाई में मुझे प्रविष्ट कराया। जिस क्षण हम लोगों ने बजाना आरम्भ किया जो मैंने अनुभव किया वह था उनका धीरज, उनकी सहानुभूति और उनकी सरलता। एक बात जो उन्होंने कही वह थी "क्या तुम संगीत पढ़ते हो?" मैंने कहा—"नहीं"! और मैं हतोत्साह हो गया। मैंने सोचा- 'मैं शायद उनका समय बर्बाद करने का अधिकारी नहीं हूँ।' किन्तु उन्होंने कहा-"एकदम ठीक—यह केवल तुम्हें दुविधा में ही डालेगा।" —जार्ज हैरिसन
हरि किशोर पाण्डेय - शिक्षा: एम.ए. (अंग्रेज़ी) पटना विश्वविद्यालय,बिहार; बी.एल. (बी.आर.ए.बी. विश्वविद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार)। प्रोफ़ेसर, अंग्रेज़ी साहित्य, जे.पी. विश्वविद्यालय, छपरा, बिहार। पत्र-पत्रिकाओं में अंग्रेज़ी एवं हिन्दी में समीक्षा, ललित निबन्ध, कविता और कहानी का प्रकाशन। बिहार राज-भाषा स्मारिका में निबन्ध प्रकाशित। आकाशवाणी पटना से कविता तथा निबन्ध-पाठ। 'यात्रा' (कविता-संग्रह) और 'समय की रेत पर' (गद्य-संग्रह) प्रकाशित। वर्ष 1996 में प्राचार्य पद से अवकाश ग्रहण।
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