भारत की रोप ट्रिक ने पूरे विश्व को असमंजस में डाला हुआ है । आज भी मेले- ठेलों में भारतीय कलाकार जादू-टोनों और बाजीगरी के अद्भुत कारनामों से परंपरागत लोक-विज्ञान की परिपाटी को सजीव रखे हुए हैं। डुगडुगी बजाता हुआ मदारी कठौती में आम और अदृश्य गंगा की धार निर्मित करता हुआ अपनी आजीविका कमाता है । जिज्ञासु बालमन में ये सभी करतब कौतूहल की वृद्धि करते रहते हैं और बालक सदा गुरुजनों एवं पुस्तकों से इनका उत्तर पाने के लिए लालायित रहता है । यह पुस्तक रसायन विज्ञान से संबंधित तथ्यों को उजागर कर यह बताने का सार्थक प्रयास है कि विचित्र खेल-तमाशे जादू-टोने नहीं, बल्कि वैज्ञानिक तथ्यों को हाथ की सफाई के द्वारा दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने का एक मनोहारी तरीका है । पुस्तक के माध्यम से अंधविश्वास, जादू-टोना और ठगी के कारनामों का पर्दाफाश तो होगा ही, साथ ही बच्चों का ज्ञानवर्धन तथा विज्ञान के प्रति रुचि भी बढ़ेगी । बच्चे व वयस्क घर बैठे कोई-न-कोई वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए सदा प्रेरित होंगे । और कौन ऐसा व्यक्ति होगा, जो अपने ड्राइंगरूम में रंग- बिरंगा काँच का बगीचा न उगाना चाहेगा?.
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