साहित्य विचार और स्मृति - \nविख्यात कवि, कथाकार, पत्रकार एवं लेखक डॉ. धर्मवीर भारती पचास वर्षों की अपनी अनवरत साधना के बीच भारतीय साहित्य और संस्कृति के सजग प्रहरी रहे। उनके काव्य और कथा साहित्य में जहाँ रोमानियत की सघनता तथा सामाजिक चेतना और यथार्थ की तीख़ी-मीठी अनुभूति का गहरा मिश्रण है वहीं उनके सम्पूर्ण निबन्ध लेखन में एक विशिष्ट प्रकार की तेजस्विता, प्रखरता और प्रतिबद्धता मिलती है। उनके लेखन में अन्तिम दिनों तक वही पैनापन, सन्तुलित दृष्टि और भाषा की सुगठित शैली नज़र आती है। 'साहित्य विचार और स्मृति' धर्मवीर भारती के अब तक अप्रकाशित लेखों में से कुछ विशिष्ट लेखों का संग्रह है। इन लेखों में उनके विचार, साहित्यिक-निबन्ध, भाषा, पत्रकारिता और अनेक समकालीन स्मृतियाँ सँजोयी हुई हैं। कुल मिलाकर इसमें उनके सैंतीस लेख संगृहीत हैं। संकलन का यह श्रमसाध्य कार्य हिन्दी की विदुषी लेखिका श्रीमती पुष्पा भारती ने किया है।\nभारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित धर्मवीर भारती की पुस्तक श्रृंखला की एक और कड़ी प्रस्तुत करते हुए हमें प्रसन्नता है।
धर्मवीर भारती - जन्म: 25 दिसम्बर, 1926; इलाहाबाद (उ.प्र.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर वहीं अध्यापन कार्य। कई पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े। अन्ततः धर्मयुग के सम्पादक के रूप में हिन्दी पत्रकारिता को नयी गरिमा प्रदान की। प्रमुख कृतियाँ : साँस की क़लम से, मेरी वाणी गैरिक वसना, कनुप्रिया, सात गीत वर्ष, ठण्डा लोहा, सपना अभी भी, गुनाहों का देवता, सूरज का सातवाँ घोड़ा, बन्द गली का आख़िरी मकान, पश्यन्ती, कहनी अनकहनी, शब्दिता, अन्धा युग तथा मानव-मूल्य और साहित्य। 'पद्मश्री' सम्मान के साथ 'व्यास सम्मान' एवं अन्य अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से अलंकृत। निधन: 4 सितम्बर, 1997 ( मुम्बई)।
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