"सम्पूर्ण पञ्चतन्त्र - \nपञ्चतन्त्र को भारतीय सभ्यता, संस्कृति, आचार-विचार तथा परम्परा का विशिष्ट ग्रन्थ होने के कारण महत्त्वपूर्ण स्थान प्रदान किया जाता है। यही वह ग्रन्थ है, जिसमें छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से अनेक धार्मिक, सामाजिक तथा राजनैतिक तथ्यों की इतनी सुन्दर और रोचक व्याख्या प्रस्तुत की गयी है, जैसी किसी अन्य ग्रन्थ में मिलना दुर्लभ है। पञ्चतन्त्र मानव-जीवन में आने वाले सुख-दुःख, हर्ष-विषाद तथा उत्थान-पतन में विशिष्ट मार्गदर्शक सिद्ध हुआ है। इस पुस्तक का एक-एक पृष्ठ आपकी किसी-न-किसी समस्या के समाधान में अवश्य ही सहायक सिद्ध होगा।\nसंस्कृत साहित्य का यह ग्रन्थ-रत्न कई हज़ार वर्षों से अपनी उपयोगिता और लोकप्रियता के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुका है। संस्कृत के इस गौरव-ग्रन्थ को हिन्दी के पाठकों तक पहुँचाने के लिए इसे अत्यन्त सरल भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है। आशा है कि हिन्दी के पाठक इसे पढ़कर लाभ उठायेंगे।\n\n"
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Acharya Vishnu SharmaAdd a review
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