‘सरई के फूल’ में झारखंड के आदिवासी और लोकजीवन पर केंद्रित 12 कहानियाँ संकलित हैं। इस कहानी-संग्रह की कहानियाँ झारखंड के आदिवासियों के सुख-दुख, उनके रहन-सहन, उनका पलायन, कटते वन और उनके जीने लायक़ कम होती ज़मीन से आए उनके जीवन में बदलाव को बहुत की सूक्ष्मता से चित्रित करती हैं। अनीता रश्मि की भाषा का जादू हमें हिंदी में झारखंड की स्थानीय ज़ुबान का स भी देता है। भारतीय आदिवासी जीवन को क़िस्सों के माध्यम से समझने के लिए यह एक ज़रूरी किताब है।.
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Anita RashmiAdd a review
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