प्रस्तुत पुस्तक सरदार वल्लभभाई पटेल के व्यक्तित्व, कृतित्व, उनके दर्शन एवं राष्ट्र निर्माण में किये गये योगदान पर केन्द्रित है। इसमें सरदार पटेल के प्रारम्भिक जीवन से लेकर अन्तिम क्षणों तक किये गये कार्य, उनमें विद्यमान गुण एवं विशेषताएँ, विचार एवं दर्शन, शिक्षा, व्यवसाय, सार्वजनिक जीवन में प्रवेश, आन्दोलनों में निभायी गयी भूमिका, जेल में बिताये गये दिन, भारत की स्वाधीनता में भूमिका, भारत का एकीकरण, भारत विभाजन, राष्ट्र निर्माण, प्रशासनिक योगदान एवं दृष्टिकोण, पटेल के समकालीन महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू के साथ सम्बन्ध, पटेल का राष्ट्रवाद एवं राष्ट्र निर्माण, भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् उनकी भूमिका को विस्तृत रूप से 11 अध्यायों के अन्तर्गत उल्लिखित किया गया है। यह पुस्तक सरदार पटेल के विचारों के सम्बन्ध में भ्रान्तियों का तर्क एवं तथ्यों के माध्यम से खण्डन करते हुए यथार्थ को उजागर करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। इस पुस्तक में केन्द्रित विचार एवं विमर्श हैं- • विषय परिचय एवं प्रस्तावना • जीवन परिचय, व्यक्तित्व एवं कृतित्व • सरदार पटेल का सार्वजनिक जीवन में प्रवेश एवं कार्य • सरदार पटेल का आन्दोलनों में अवदान ● भारत की स्वाधीनता में योगदान • पटेल का लोकसेवाओं के लिए निर्णय • सरदार पटेल का राजनीतिक-प्रशासनिक योगदान • सरदार पटेल के समकालीन • महात्मा गाँधी एवं जवाहरलाल नेहरू के साथ सम्बन्ध • भारत का एकीकरण • पटेल का राष्ट्रवाद एवं राष्ट्र निर्माण।
डॉ. जनक सिंह मीना राजस्थान के करौली जिले में दानालपुर गाँव के निवासी हैं। आपकी शिक्षा एम.ए., पीएच.डी., पी.डी.एफ. राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में हुई। आपने वर्ष 2018 में डी. जनक सिंह मीना लिट. की उपाधि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से प्राप्त की है। आपकी अब तक 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। डॉ. मीना के अब तक सौ से अधिक शोध-पत्र, आलेख विभिन्न राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं तथा 90 से अधिक राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों, सम्मेलनों एवं कार्यशालाओं में शोध-पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं। आप 'न्यू पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सोसायटी ऑफ़ इंडिया (नेपासी)' के महासचिव हैं। डॉ. मीना को विवेकानन्द शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान, देवघर (झारखण्ड), एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी, केरल तथा योगमाया मानवोत्थान ट्रस्ट के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय शिखर सम्मान पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इन्हें वर्ष 2015 में जयपुर में राज्यस्तरीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. मीना को वर्ष 2011 में 'शिक्षा का अधिकार' तथा वर्ष 2014 में 'सामाजिक सद्भाव तथा समावेशी विकास' विषय पर लेखन के लिए भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, नयी दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय स्तर के प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय लेखक सम्मान समारोह 2019 में श्रीमान अशोक गहलोत, माननीय मुख्यमन्त्री, राजस्थान सरकार द्वारा सम्मानित किया गया। 2019 में शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए 'राष्ट्रीय रिसर्चश्री' सम्मान प्रदान किया गया। आप जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में राजनीति विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं तथा साथ ही आदिवासियों पर केन्द्रित 'अरावली उद्घोष' पत्रिका के सम्पादक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
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