प्रश्न पूछना सीखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सोच को एक विशिष्ट रूपरेखा देता है और अप्रत्याशित रहस्यों को खोलता है। चीज़ें जैसी हैं, वैसी कैसे-क्यों हैं, उन तथ्यों का पता लगाने से आत्मज्ञान मिलता है।\n\nजबकि सन्देह को अपने तक रखना सच्चाई से दूर, और जीवन, जो मूल्यवान अवसर दे रही है उनसे वंचित कर सकता है। लेकिन किस प्रकार के प्रश्न हमें पूछने चाहिए?\n\nसाधू की बानी पुस्तक में, प्रसिद्ध साधु नित्यानन्द चरण दास ने युवाओं-वृद्धों द्वारा अक्सर पूछे गए – कर्म, धर्म बनाम अध्यात्म, मन, ईश्वर, भाग्य, जीवन का उद्देश्य, कष्ट, कर्मकांड, युद्ध आदि विषयों पर – सत्तर से अधिक प्रश्नों के उत्तर दिए। ये उत्तर अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं जो सेल्फ़-डिस्कवरी और सेल्फ़-रियलाइज़ेशन में हमारी मदद के लिए हैं।
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