Satya Ke Dastavej

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महान विचारक और दार्शनिक रोमाँ रोलाँ का कहना है, अपने जीवन में ईसा को भी वह सम्मान नहीं मिल पाया था जो गाँधी को मिला। लेकिन रोमा रोला ने जिस समय इस पंक्ति को लिखा था, उस समय तक गाँधी की हत्या भी ईसा की तरह नहीं कर दी गयी थी। कुछ बौद्धिकों का मत है गाँधी का जन्म दो सौ साल पहले हो गया था, इसी से नफ़रत में जीने और मरने वाली जमात ने उनकी जान ले ली। तो क्या गाँधी को समझने में हमें भी दो सौ साल लग जायेंगे? सत्य, अहिंसा, प्रेम, ब्रह्मचर्य, अध्यात्म, शान्ति और मानवता के सच्चे पुजारी गाँधी के दर्शन को एक दिन दुनिया समझ पायेगी? दुनिया तो शायद धीरे-धीरे समझ रही है तभी तो गाँधी के विचारों को, उनके द्वारा प्रतिपादित एवं आचरित जीवन-मूल्यों को, आर्थिक-सामाजिक विकास और सन्तुलन सम्बन्धी उनके द्वारा प्रतिपादित मानदण्डों को मानवता को संरक्षित करने के एकमात्र विकल्प के रूप में देख रही है। यह पुस्तक जनमानस, ख़ासकर युवा पीढ़ी में व्याप्त-परिव्याप्त भ्रान्तियों को अनावृत करने का विनम्र प्रयास है। इस प्रयास को रोचक बनाने हेतु इसे नाटक विधा में अदालती कार्यवाही के रूप में प्रस्तुत किया गया है। गाँधी इस नाटक के मुख्य पात्र हैं जिन्हें एक अभियुक्त बनाकर कठघरे में खड़ा किया गया है।

डॉ. सुजाता चौधरी का जन्म 6 जनवरी 1964 को एक सम्भ्रान्त परिवार में हुआ। एम.ए. (राजनीतिशास्त्र, इतिहास), एल.एल.बी., पीएच.डी., पत्रकारिता में डिप्लोमा। सैकड़ों पत्र-पत्रिकाओं में लेख और कहानियाँ प्रकाशित। आकाशवाणी भागलपुर से अनेक कहानियाँ प्रसारित। प्रकाशित रचनाएँ : दुख भरे सुख, कश्मीर का दर्द, दुख ही जीवन की कथा रही, प्रेमपुरुष, सौ साल पहले-चम्पारण का गाँधी, मैं पृथा ही क्यों न रही, नोआखाली (उपन्यास); मर्द ऐसे ही होते हैं, सच होते सपने, चालू लड़की, अगले जनम मोहे बिटिया ही दीज्यो (कहानी संग्रह); महात्मा का अध्यात्म, बापू और स्त्री, गाँधी की नैतिकता, राष्ट्रपिता और नेता जी, राष्ट्रपिता और भगतसिंह, बापू कृत बालपोथी, चम्पारण का सत्याग्रह, सत्य के दस्तावेज़ (गाँधी साहित्य); संक्षिप्त श्रीमद्भागवतम्, श्री चैतन्यदेव (अन्य रचनाएँ)। प्रकाशनाधीन : कहाँ है मेरा घर? (कविता संग्रह); महामानव आ रहा है (उपन्यास); दूसरी कैकयी (कहानी संग्रह)। कार्यक्षेत्र : श्री रास बिहारी मिशन ट्रस्ट की मुख्य न्यासी एवं नेशनल मूवमेंट फ्रंट की राष्ट्रीय संयोजिका। मिशन एवं फ्रंट द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र में विद्यालयों की स्थापना, विशेषतया बालिका शिक्षा और महिला स्वावलम्बन एवं सशक्तीकरण हेतु रोजगार एवं प्रशिक्षण। दलित बच्चों की शिक्षा हेतु विद्यालय संचालन, वृन्दावन में महिलाओं के लिए आश्रम का संचालन, निराश्रित जनों के लिए भोजन की व्यवस्था, चैरिटेबल विद्यालयों का संचालन, देशभर में बा-बापू एकल पाठशाला का संचालन। ई-मेल : sujatachaudhary@hotmail.com

सुजाता

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