जब ललिता शास्त्री ने अपने पति का पार्थिव शरीर देखा, तो ऐसा नहीं लगा कि वो कुछ घंटे पहले ही स्वर्ग सिधारे थे। उनका चेहरा सूजा हुआ था और नीला पढ़ गया था। शरीर बुरी तरह फूल गया था। पेट और गर्दन पर कटने के निशान थे। कपडे और चद्दर खून से सने हुए थे, लेकिन परिजनों के शक जताते ही किसी ने अचानक से आकर शास्त्री जी के चेहरे पर चन्दन का पीला लेप लगा दिया। यह सब करने के बाद भी शास्त्री जी की मृत्यु से जुड़े संदेहों को छुपाया नहीं जा सका। क्या उनकी मृत्यु प्राकृतिक थी या उन्हें जहर दिया गया था? आने वाले वक्त में अमेरिकी और सोवियत रूसी खुफिया विभाग के साथ कुछ भारतीय भी सवालों के घेरे में आए।
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