शिक्षा मानव में सद् एवं असद् का विवेक उत्पन्न करती है। वह हममें सहिष्णुता तथा जगत को कुछ देने की सामर्थ्य उत्पन्न करती है। शिक्षा हमें इस योग्य बनाती है कि हम अपने वैयक्तिक एवं सामाजिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निष्पादन करें।
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