श्री राम कहानी - मर्यादा पुरुषोत्तम राम और उनकी जीवन कथा भारतीय जन जीवन की आस्था और विश्वास का केन्द्र है जिसका विशेष श्रेय महाकवि गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस को है। मानस में राम की कहानी के साथ ही कवि ने ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म, समाज, धर्म, नीति, राजनीति, रामराज्य आदि विषयों पर गम्भीर चिन्तन प्रस्तुत किया है। हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर अशोक मिज़ाज ने राम चरित मानस को जस का तस, सरस एवं सहज हिन्दी भाषा में श्री राम कहानी के रूप में गद्यान्तरित करने का सुन्दर प्रयास किया है। इस कृति को पढ़ते हुए सहृदय जन राम कथा की मन्दाकिनी में अवगाहन कर परम तृप्ति का अनुभव करेंगे। निस्सन्देह 'श्रीराम कहानी' अवधी भाषा से अनभिज्ञ रामकथा प्रेमियों के लिए अनूठा उपहार है। हमारे युवाओं और बच्चों को तुलसी के रामचरितमानस से परिचित कराने का यह स्तुत्य प्रयास कहा जायेगा। गद्य की मिठास, कथा रसास्वादन और तुलसी के समग्र चिन्तन और मूल्यबोध को समझने की दृष्टि से भी श्रीराम कहानी अनुपम कृति है। राम कथा प्रेमी पाठकों के द्वारा इस कृति का स्वागत होगा ऐसा मेरा विश्वास है। शुभ कामनाएँ। प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग अध्यक्ष संस्कृत विभाग डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.)
अशोक सिंह ठाकुर 'मिज़ाज' - जन्म: 23 जनवरी, 1957, सागर (म.प्र.)। शिक्षा: एम.एससी. (रसायन शास्त्र)। प्रकाशित पुस्तकें: समन्दरों का मिज़ाज (उर्दू), समन्दरों का मिज़ाज (देवनागरी), सिग्नेचर, ग़ज़लनामा (उर्दू), ग़ज़ल 2000— शेरों का संकलन (सहसम्पादन), आवाज़, किसी किसी पे ग़ज़ल मेहरबान होती है, मैं अशोक हूँ, मैं मिज़ाज भी (उर्दू), अशोक मिज़ाज़ की चुनिन्दा ग़ज़लें, समन्दर आज भी चुप है और सिसकियों की सदा। पुरस्कार एवं सम्मान: मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी भोपाल द्वारा शिफ़ा ग्वालियरी पुरस्कार, निश्तर ख़ानकाही ग़ज़ल स्मृति अवार्ड बिजनौर (उ.प्र.), नयी ग़ज़ल सम्मान, शिवपुरी, मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन की सागर, पन्ना, उमरिया इकाई द्वारा सम्मान, साहित्य सृजन सम्मान, साहित्य सृजन साहित्यिक संस्था नागपुर द्वारा।
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