पूर्वोत्तर भारत स्थित सिक्किम में कई समुदाय निवास करते हैं, जिनकी अपनी भाषा व संस्कृति के साथ ही उनका अपना विकसित लोक है। फिर भी विकास का जो दौर वर्तमान समय को समेटे हुए है, उससे इस बात का भय व्याप्त होता है, जैसे दुनिया में मुख्यधारा की संस्कृति और उससे जुड़ी चीजें बची रहेंगी या भीड़ की शिकार हो जाएँगी! अतः समय रहते अल्पसंख्यक समुदायों के लोक-विश्वासों को जीवित रखने की अनिवार्यता स्पष्ट होती है। इस संग्रह में लोककथाओं का संचयन इसी आवश्यकता की पूर्ति हेतु एक विनम्र प्रयास है। ‘सिक्किम की लोककथाएँ’ पुस्तक में जिन कथाओं का संकलन किया है, वे किसी एक जाति या विशेष समुदाय से संबद्ध नहीं हैं, बल्कि वहाँ निवास करनेवाले समुदायों में, जिनकी लोककथाएँ उपलब्ध हो पाईं, उनको समाविष्ट करने का यत्न किया गया है। सिक्किम के बहुविध लोकजीवन की विविध छटाएँ बिखेरती ये लोककथाएँ पाठकों को आनंदित करेंगी तथा वहाँ की संस्कृति-परंपराओं से भी परिचित करवाएँगी।
Add a review
Login to write a review.
Customer questions & answers