बृहत्तर मानवीय संवेदनाओं, मानवीय मूल्यों की पक्षधरता, जन-जीवन के गहरे सरोकार, इतिहासबोध और बौद्धिकता के वैचारिक आयामों के जो पक्ष हैं, जो किसी भी लेखन को समझने की खिड़कियाँ बनाते हैं, वे भला स्त्री लेखन की बात आते ही इतने दूर कैसे कर दिये जाते हैं! उसकी समस्त रचनात्मकता को सभी प्रकार के तन्त्रों से काटकर इकहरा और निहायत घरेलू हदबन्दियों में कैद की श्रेणी में डाल देने का यह चलन हिन्दी साहित्य का नुकसान करता जा रहा है। यह षड्यन्त्र जैसा दिखता है, जो हिन्दी पाठक को नयी दृष्टि से जीवन के विस्तार और उसकी बहुआयामिता को समझने की तरफ जाने से रोकता है। एक नये तरह का जो 'स्त्री विमर्श' हिन्दी में आया था, जिसे स्त्री विमर्श की सारी वैचारिकी के बीच से किसी एक तिनके को चुनने की तरह चुन लिया गया था. जो यौन स्वछन्दता के पाठ में सारी मानवता को ही भुला देता था और यौन हिंसा की बात तक नहीं करता था, जो सारे भारतीय स्त्री संघर्ष को और उसकी मेधा को भोथरा कर रहा था, उसका उद्देश्य सिर्फ यथास्थितिवाद को बनाये रखना था। मेरे सामने सवाल यह भी था कि अब नया क्या है, जो पिछले से अलग है? नया वह है, जो पिछली सारी गढ़ी गयी हदबन्दियों को तोड़ता, किसी भी तरह के फ्रेम में बाँधे जाने से इनकार करता, रचनाशीलता के बृहत्तर आयामों की तरफ जाता, अपना विस्तार करता है। सारी दुनिया को देखने का साहस और धैर्य लिए दिये, सारे आकाश को लिंगभेद के बँटवारे से मुक्त करता मानवीय दृष्टि के साथ रचनारत होता है।
अल्पना मिश्र शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी) पीएच. डी. (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी) रचनाएँ : उपन्यास : अन्हियारे तलछट में चमका, अस्थि फूल; कहानी संग्रह : भीतर का वक़्त, छावनी में बेघर, कब्र भी क़ैद औ' ज़ंजीरें भी स्याही में सुर्खाब के पंख, अल्पना मिश्र चुनी हुई कहानियाँ दस प्रतिनिधि कहानियाँ, इस जहाँ में हम (डिजिटल : संस्करण); आलोचना : सहस्रों विखण्डित आईने में आदमक़द, स्त्री कथा के पाँच स्वर, स्वातन्त्र्योत्तर कविता का काव्य वैशिष्ट्य । विशेष : कुछ कहानियाँ पंजाबी, बांग्ला, कन्नड़, मराठी, अंग्रेज़ी, मलयालम, जापानी आदि भाषाओं में अनूदित उपन्यास अन्हियारे तलछट में चमका पंजाबी में अनूदित तथा प्रकाशित। सम्मान : शैलेश मटियानी स्मृति कथा सम्मान, परिवेश सम्मान, राष्ट्रीय रचनाकार सम्मान, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता, शक्ति सम्मान, प्रेमचन्द स्मृति कथा सम्मान, वनमाली कथा सम्मान। सम्प्रति : प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली ईमेल: alpana.mishra@yahoo.co.in
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