लोककथाएँ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जो विरासत में मिली है। लोककथाओं का संबंध लोकोक्तियों से है। हर युग का सांस्कृतिक संघर्ष, प्रचलित प्रथाएँ, मान्यताओं, रीति-रिवाजों, आचार-विचार और वहाँ के अनुभवी लोगों के मुख से सुनी कथाएँ ही लोककथाओं का स्रोत बनती है। ग्रामीण परिवेश में लोककथाओं के माध्यम से वहाँ के समाज की सभ्य, सुशील, नीतिपरक बातों की जानकारी और आदर्श जीवन की सीख भी जन-जन तक पहुँचाने का काम करती हैं। अधिकांश लोककथाओं को बच्चे तक सीमित कर दिया गया है, जबकि बड़ों के लिए भी सीखने की कई बातें इसमें हम ढूँढ़ सकते हैं। नीतिपरक और धर्मपरक कथाओं के माध्यम से आज भटकते हुए युवा-जगत् को प्रेरणा दी जा सकती है। परंपराओं की तरफ लौटना आज की माँग बन पड़ा है। आज परंपरा, लोक और संस्कृति का अर्थ बदलते जा रहा है। इसका समाधान तभी संभव है, जब हम मानव की चेतना को जगाएँ। ऐसी प्रेरणादाय लोककथाओं को इस संग्रह में संकलित किया गया है। हम आशा करते हैं कि इन लोककथाओं के माध्यम से मानव को आशावादी और सकारात्मक सोच देने में सफलता पाएँगे।
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