हिंदी के अनन्य रचनाकार जैनेंद्र कुमार की तीसरी औपन्यासिक कृति `त्यागपत्र` है। इसका प्रकाशन सन 1937 में हुआ। इसका अनुवाद अनेक प्रादेशिक तथा विदेशी भाषाओं में हो चुका है। हिंदी के भी सर्वश्रेष्ठ लघु उपन्यासों में मृणाल नामक युवती के जीवन पर आधारित यह मार्मिक एवं मनोवैज्ञानिक उपन्यास है।
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