हिन्दी के जाने-माने व्यंग्यकार शरद जोशी के व्यंग्य जहाँ पाठक के मन को गुदगुदाते हैं वहीं सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विसंगतियों को दर्शाते हुए करारी चोट भी करते हैं। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा आम लोगों की समस्याओं को हल करने की नाकाम कोशिशों पर कटाक्ष करने से भी वे नहीं चूकते। तिलस्म में लेखक ने इसी चिर-परिचित शैली द्वारा समाज में फैले अंधविश्वासों पर प्रहार किया है। साथ ही रोज़मर्रा के जीवन की छोटी-छोटी किंतु महत्त्वपूर्ण स्थितियों को नई दिशा देते हुए जिस पैनी दृष्टि का परिचय दिया है वह पाठक को सहज ही प्रभावित करती है। 21 मई, 1931 को उज्जैन में जन्मे शरद जोशी का निधन 5 सितंबर 1991 को मुंबई में हुआ। ‘छोटी सी बात’ और ‘उत्सव’ आदि चर्चित फिल्मों की पटकथा लिखने के अलावा उन्होंने कई टीवी धारावाहिक भी लिखे।
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