कंप्यूटर युग में कंप्यूटर के समान ही गुणग्राही है लघुकथा। आपको विश्व की कोई भी जानकारी चाहिए, दुनिया के किसी भी कोने में संदेश प्रेषित करना है—इंटरनेट पलों में आपकी समस्या का समाधान कर देता है। इसी प्रकार आज के व्यस्त जीवन से कुछ क्षण चुराकर आप साहित्य की लघु परंतु विशाल आयामों को सकेंद्रित करती इस विधा के माध्यम से बौद्धिक रसपान का आनंद ले सकते हैं। प्रसिद्ध कथाकार अशोक गुजराती की लघुकथाएँ इस मापदंड पर पूरी तरह खरी उतरती हैं। इनमें उन्होंने अलग-अलग विषयों को उठाया है। समाज में व्याप्त विडंबनाओं पर व्यंग्यात्मक प्रहार करने की कला में वे निष्णात हैं। इन सभी लघुकथाओं को अद्यतन चर्चित एवं निष्पादित श्रेष्ठ लघुकथा के लिए आवश्यक पैमानों की कसौटी पर आप कसकर देखें तो पाएँगे कि हर दृष्टि से ये सारी रचनाएँ परिपूर्ण हैं। इन लघुकथाओं से गुजरकर उनके अंत को आत्मसात् करने के पश्चात् पाठक को ऐसा लगेगा, जैसे वह पर्वतारोहण के किसी अभियान पर निकला हो और शिखर पर पहुँचकर खुले आसमान के नीचे अपने फेफड़ों को ताजा हवा से उत्फुल्ल कर आत्मिक संतुष्टि तथा प्रफुल्लता की अनुभूति का अनुभव कर रहा हो। विकलता भरा उसका यही संतोष निर्धारित करता है इन लघुकथाओं के रचयिता की यशस्विता का!.
????: 26 ?????, ?????????? ?? ????? ???? ?? ???? ????? ???? ??????: ??.??-??., ??.?., ??-??. ??. (?????), ??.??.??. (????), ??.??.?. (??? ??????)? ????????: ????? ????: ????? ?? ?????? ?????????? ????? ??????? ?????? ?? ????????? ?????????? ?????? (?????-??????) ???????? ????? ???????? ?????? ????????? ?????-?? ?????? (??????-??????) ?????????? ????? ????? ??????? ?????? ?? ????????? ????? ?? ????? (??????-??????) ????? ??? ?????? ?? ????????? ???????: ??????? ?????? ?? ?????? ???????? ???????? ???? ????????? ????? ?????????? ????-????????? ??? 650 ?? ???? ?????? ????????? ???? ???????? ???????????? ???????: ???????? ?????
Ashok GujaratiAdd a review
Login to write a review.
Customer questions & answers