यह पुस्तक, उस परियोजना की परिणति है, जो आज़ादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों की स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका रही है जिसमें अनेक क्रांतिकारी, जिनका स्वर्णिम योगदान पटल पर नहीं आ सका है, उनके योगदानों को इसके माध्यम से लिपिबद्ध करने का प्रयास किया गया है। इसी क्रम में यह पुस्तक प्रतापगढ़ के योगदान पर आधारित है।\n\nपुस्तक आठ अध्यायों में विभाजित है, जिसमें पहले के चार अध्याय अधिकांशतः द्वितीयक स्रोतों पर आधारित हैं जबकि अध्याय पाँच, छः, सात व आठ को क्षेत्रीय कार्य से एकत्रित तथ्यों पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। क्षेत्रीय कार्य करते हुए शहीद स्मारकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के विवरण गाँव में जाकर संकलित किये गये । बुजुर्गों से मिलकर संस्मरण पूछे गये। इसी क्रम में सामूहिक साक्षात्कार व व्यक्तिगत साक्षात्कार लिये गये । जनपद के पत्रकारों, लेखकों व महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों से मिलकर तथ्यों को संकलित किया गया। पट्टी, उड़ैयाडीह, सैफाबाद, भयहरणधाम, बिल्खरकोट, रूरे, भदरी, कालाकाँकर, मधुपुर काँपा, लोहंगपुर, पूरबगाँव में क्षेत्रीय कार्य किया गया तथा स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित तथ्य संकलित किये गये।
डॉ. नीतू सिंह डॉ. नीतू सिंह, विद्यान्त हिंदू पी.जी. कॉलेज, लखनऊ में नृतत्वशास्त्र (Anthropology) विभाग में प्रोफ़ेसर हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नेट (NET) परीक्षा उत्तीर्ण तथा वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में वाणिज्य कर अधिकारी के पद पर चयनित हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वर्ष 1995 में स्नातक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ छात्र का कुलाधिपति पदक तथा वर्ष 1997 में स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने हेतु स्वर्णपदक प्राप्त किया। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की पोस्ट डॉक्टोरल फ़ेलोशिप 2013-2015) पर ओड़िशा में शोधरत रहीं । ( अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए आपने लंदन, चीन (बीजिंग), श्रीलंका (कोलंबो), वियतनाम (हो-चिन-मिन्ह सिटी), थाईलैंड (बैंकाक), रूस (मास्को) की यात्राएँ कीं। आप संस्कृति विभाग की कई परियोजनाओं की संयोजक रही हैं। आपके शोध पत्र कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। वर्तमान में महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी में एकेडमिक काउंसिल की सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग में संस्कृति नीति का सुस्पष्ट प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने वाली प्रारूप समिति की सदस्य हैं।
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