Wo Kaghaz Ki Kashti

  • Format:

वो काग़ज़ की कश्ती' में अंजु रंजन ने बाल्यकाल से लेकर युवावस्था और विद्यार्थी जीवन के अपने संस्मरणों को बहुत सरसता के साथ प्रवाहमान भाषा में लिपिबद्ध किया है। यह 35 अनुक्रमों में विभक्त है। उनके लेखन में सरलता और सरसता है । लेखन में कहीं भी बनावटीपन नहीं है। लेखिका ने अपने संस्मरणों में बालपन की निश्छलता, ग्रामीण परिवेश की जीवन्तता व सादगी तथा झारखण्ड प्रदेश की नैसर्गिक प्राकृतिक सुन्दरता के साथ नारी सशक्तीकरण के भी प्रश्न उठाये हैं। - प्राक्कथन से

अंजु रंजन भारतीय विदेश सेवा की वरिष्ठ अधिकारी हैं। वे अभी भारत के कॉन्सल जनरल के बतौर जोहान्सबर्ग में पदस्थापित हैं। वे इंडोनेशिया, नेपाल तथा स्कॉटलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। अतिरिक्त भाषा के रूप में इन्होंने इंडोनेशियाई भाषा में स्नातकोत्तर एडवांस डिप्लोमा फॉर डिप्लोमेट विशेष दक्षता के साथ हासिल किया है। अंजु रंजन केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर हैं और स्वर्ण पदक विजेता रही हैं तथा इन्होंने एमबीए (फाइनेंस) भी किया है, पर हिन्दी साहित्य में उनकी शुरू से ही रुचि रही है। इसी कारण, यूपीएससी की परीक्षा में हिन्दी साहित्य को इन्होंने मुख्य विषय के रूप में लिया था। उन्होंने हिन्दी साहित्य का स्वाध्ययन किया है और बहुत-सी किताबें पढ़ी है । वे विदेश में भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रयासरत हैं और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से हिन्दी को लोकप्रिय बना रही हैं। प्रस्तुत पुस्तक वो काग़ज़ की कश्ती लेखिका के बचपन की स्मृतियों को समेटती है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित कवयित्री का प्रथम कविता संग्रह प्रेम के विभिन्न रंग काफी लोकप्रिय है। लेखिका का दूसरा कविता संग्रह विस्थापन और यादें भी शीघ्र प्रकाशित होने वाला है।

अंजु रंजन

Customer questions & answers

Add a review

Login to write a review.

Related products

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟