यह यात्रा मेरी है वरिष्ठ कवि और कथाकार निर्मला तोदी का नया कविता संग्रह है। निर्मला जी ने लिखना तो युवा दिनों में ही शुरू किया था। लेकिन जैसा कि पितृसत्तात्मक समाज में होता है, स्त्रियाँ जब गृहस्थी के जंजाल में फँस जाती हैं, तो लम्बे समय के लिए, कभी-कभी तो हमेशा के लिए उनका लेखन अवरुद्ध हो जाता है। फिर भी निर्मला जी ने अपनी दृढ़ इ%छाशक्ति और संघर्ष के माध्यम से अपनी सृजनात्मकता को फिर से प्राप्त किया और अब पिछले कुछ वर्षों के दौरान उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने कविता और कहानी दोनों ही क्षेत्रों में अपनी पहचान बना ली है। इस संकलन की कविताओं से गुजरते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि सतह पर भले ही उनका लेखन स्थगित या अवरुद्ध हुआ हो, सृजनात्मक संघर्ष निरन्तर उनके अन्दर चलता रहा है और अब इन रचनाओं के माध्यम से सामने आया है। दरअसल, लेखन उनके जीवन संघर्ष का ही हिस्सा है।
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