Yuva Pidhi Ki Prem Kahaniyan

  • Format:

युवा पीढ़ी की प्रेम कहानियाँ - \nप्रेम का अस्तित्व हर युग में रहा है। हर पीढ़ी इस बात को स्वीकार करती आयी है कि प्रेम, अधिकार और सहभागिता, ये सभी तत्व प्रेम को अर्थ देते हैं। नयी पीढ़ी प्रेम के बारे में क्या सोचती है, यह जानना और समझना काफ़ी दिलचस्प होगा। इस संकलन की कई कहानियों को पढ़कर लगता है कि जीवन के अन्य महत्वपूर्ण उपक्रम जैसे कैरियर आदि प्रेम में टकराव भी निर्मित कर देते हैं। महानगरों में प्रेम-विवाहों का प्रचलन भी बढ़ रहा है और 'लिव इन रिलेशनशिप' के प्रति भी युवाओं का रुझान बढ़ा है।\nप्रस्तुत पुस्तक में उन्नीस युवा रचनाकारों (पंकज मित्र, महुआ माजी, अनुज, मो. आरिफ़, रवि बुले, राजीव कुमार, गौरव सोलंकी, राकेश मिश्र, मनोज कुमार पांडेय, कुणाल सिंह, विमल चन्द्र पांडेय, राजुला शाह, पंकज सुबीर, पराग कुमार मांदले, मनीषा कुलश्रेष्ठ, शर्मिला बोहरा जालान, राहुल सिंह, प्रियदर्शन मालवीय, ओम प्रकाश तिवारी) की प्रेम कहानियाँ हैं। इन सभी का प्रेम के प्रति जो नज़रिया है उसमें कहीं चुहल है तो कहीं प्रेम के प्रति एक कॉमिक भाव, कहीं मैत्री और कहीं फ्लर्ट मात्र। इस संकलन का सम्पादन रवीन्द्र कालिया द्वारा किया गया है।

रवीन्द्र कालिया - जन्म: 1 अप्रैल, 1939। हिन्दी साहित्य में एम.ए.। प्रख्यात कथाकार, संस्मरण लेखक और यशस्वी सम्पादक। प्रमुख कृतियाँ: 'नौ साल छोटी पत्नी', 'ग़रीबी हटाओ', 'चकैया नीम', 'ज़रा-सी रोशनी', 'गली कूचे', 'रवीन्द्र कालिया की कहानियाँ' (कहानी संग्रह); 'ख़ुदा सही सलामत है', 'ए.बी.सी.डी.', '17 रानडे रोड' (उपन्यास); 'ग़ालिब छुटी शराब' (संस्मरण)। उल्लेखनीय सम्पादित पुस्तकें: 'मेरी प्रिय सम्पादित कहानियाँ', 'मोहन राकेश की श्रेष्ठ कहानियाँ' और 'अमरकान्त'। देश-विदेश में अनेक संकलनों में रचनाएँ सम्मिलित। विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में उपन्यास व कहानी शामिल। कई महाविद्यालयों में हिन्दी प्रवक्ता के रूप में कार्य। भारत सरकार द्वारा प्रकाशित 'भाषा' का सह-सम्पादन। 'धर्मयुग' में वरिष्ठ उप सम्पादक। अन्य सम्पादित पत्रिकाएँ: 'वर्तमान साहित्य' (कहानी महाविशेषांक), 'वर्ष अमरकान्त', 'साप्ताहिक गंगा यमुना' और 'वागर्थ'। अन्तर्राष्ट्रीय साहित्यिक कार्यक्रमों के सन्दर्भ में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान, नीदरलैंड, सूरीनाम व अन्य लातिन अमेरिकी देशों की यात्रा। प्रमुख सम्मान व पुरस्कार: 'शिरोमणि साहित्य सम्मान' (पंजाब); 'लोहिया अतिविशिष्ट सम्मान' (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान); 'साहित्य भूषण सम्मान' (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान); 'प्रेमचन्द सम्मान', 'पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सम्मान' (मध्य प्रदेश साहित्य अकादेमी) आदि।

रवींद्र कालिया

Customer questions & answers

Add a review

Login to write a review.

Related products

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟