
फ़िराक़ गोरखपुरी
फ़िराक़ गोरखपुरी 1896: अगस्त 28, गोरखपुर में जन्म। 1913 : स्कूल लीविंग परीक्षा में उत्तीर्ण । 1915 : एफ.ए.। म्योर सेंट्रल कालेज, इलाहाबाद से। 1917 : जून 18: पिता मुंशी गोरखप्रसाद 'इवरत' का देहान्त । बी. ए. में प्रान्त भर में चौथा स्थान प्राप्त । प्रान्तीय सिविल सर्विस में डिप्टी कलक्ट्री के पद पर निर्वाचित । 1918 :स्वराज आन्दोलन शुरू होते ही सरकारी पदों का त्याग। 1920 : साहित्यिक जीवन का प्रारम्भ । 1920 : दिसम्बर 6: प्रिंस ऑफ वेल्स के आगमन के विरुद्ध आन्दोलन में पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रस्ताव पर प्रान्तीय कांग्रेस के डिक्टेटर निर्वाचित। फिर स्वयं रफी अहमद किदवई के पक्ष में 'डिक्टेटरशिप' का त्याग दिसम्बर 13 डेढ़ बरस की कैद जेल में विशिष्ट साहित्यिक । रचनाएँ। 1922 : अखिल भारतीय कांग्रेस के 1927 तक 'अंडर सेक्रेट्री' । 1927 : क्रिश्चियन कालेज, लखनऊ में अध्यापक नियुक्त | 1928 : बी. एन. एस. डी. कालेज, कानपुर में अंग्रेजी और उर्दू के प्राध्यापक नियुक्त। 1930: आगरा विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी एम.ए. में प्रथम स्थान प्राप्त । बिना प्रार्थनापत्र दिए ही अपने मातृ- विद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्राध्यापक नियुक्त। इसी बीच उर्दू साहित्य में सर्वश्रेष्ठ स्थान की प्राप्ति। 1959: विश्वविद्यालय से अवकाश । 1961 : उर्दू काव्य-संकलन 'गुले नग्मा' साहित्य अकादेमी एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत। 1965 : नेहरू-पुरस्कार प्राप्त। 1970 : साहित्य अकादेमी के 5वें सदस्य (फ़ेलो) निर्वाचित । 'गुले नग्मा' पर भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार । 1981 : गालिब अकादेमी अवार्ड। 1982 : नयी दिल्ली में निधन।