फज़ल ताबिश

फज़ल ताबिश

फ़ज़ल ताबिश - जन्म: 4 अगस्त, 1933 में। भोपाल की हिन्दी उर्दू दुनिया के महत्त्वपूर्ण सेतु थे। 1969 में उर्दू में एम.ए. करने के बाद वे लेक्चरर हो गये। 1980 से 1991 मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग से पेंशन पाकर रिटायर हुए। प्रमुख कृतियाँ: 'बिना उन्वान', 'डरा हुआ आदमी', 'अखाड़े के बाहर से', 'फ़रीउद्दीन अत्तार की मसनवी' (नाटक); 'अजनबी नहीं' (ग़ज़लों और नज़्मों का संग्रह); 'दीवाना बन कर यह सन्नाटा', 'अंजुमन में', 'गाँव में अलाव में', 'मैं अकेला', 'धूप के पाँव', 'अभी सूरज'। प्रेमचन्द के उपन्यास कर्मभूमि का ड्रामा अनुवाद, रूपान्तर डेनिश ड्रामा द जज का उर्दू अनुवाद। सम्मान: 'मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंटिफिक रिसर्च ऐंड कल्चरल अफेयर्स' का उर्दू भाषा का पहला पुरस्कार 1962 में। आपने शायरी, कहानियाँ, अनुवाद, नाटक और एक अधूरा आत्मकथात्मक उपन्यास सभी कुछ लिखा है। उनके नाटकों का ब.व. कारंत जैसे विख्यात निर्देशकों द्वारा मंचन किया गया। इसके अतिरिक्त आपने मणिकौल की फ़िल्म 'सतह से उठता आदमी' और कुमार साहनी की फ़िल्म 'ख़्याल गाथा' में भी काम किया।

Books from the Author

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟