प्रियदर्शी ठाकुर 'खयाल'

प्रियदर्शी ठाकुर 'खयाल'

प्रियदर्शी ठाकुर 'ख़याल' - 9वीं शताब्दी चीन के कालजयी कवि बाई जूई की 200 कविताओं के बहुचर्चित हिन्दी अनुवादक प्रियदर्शी ठाकुर 'ख़याल' की ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं के छः संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। 'ख़याल' ने नोबेल विजेता ओरहान पामुक के उपन्यास 'स्नो' का हिन्दी अनुवाद भी किया है, जो पेंगुइन (इंडिया) से प्रकाशित है। प्रियदर्शी ठाकुर 'ख़याल' का जन्म 1946 में हुआ, और वे दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा में लगभग 40 वर्षों तक कार्यरत रहने के बाद भारत सरकार में सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए। अब वे पूर्णकालिक रूप से लेखन और अनुवाद कार्य को समर्पित हैं। 'ख़याल' उर्दू के जाने-माने वेबसाइट रेख़्ता डॉट ऑर्ग में सम्मिलित शायर हैं, और उनकी ग़ज़लें स्व. जगजीत सिंह, उस्ताद अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, डॉ. सुमन यादव आदि ख्याति प्राप्त गायकों ने गायी हैं। 'यादों के गलियारे में' 'ख़याल' की 2005 से 2015 के बीच लिखी ग़ज़लों, नज़्मों और कविताओं का संकलन है।

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