
डॉ. शोभा निगम
डॉ. शोभा निगम - डॉ. निगम 1970 में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए एम.ए. की उपाधि तथा इसी विश्वविद्यालय से सन् 1980 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। सन् 1973 में आप छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में दर्शनशास्त्र की व्याख्याता नियुक्त हुई। तब से 2008 तक आपने लगातार दर्शनशास्त्र का, क़रीब 35 साल तक, अध्यापन किया है। इस बीच वे इसी महाविद्यालय में रहते हुए प्रोफ़ेसर भी बनी और फिर शासकीय महाविद्यालय आरंग में प्राचार्य पद का दायित्व निर्वहन करते हुए सन् 2010 में सेवानिवृत हुई हैं। श्रीमती निगम द्वारा दर्शन एवं धर्म विषय पर अनेकों शोधपत्र एवं लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होते रहे हैं। इनकी अब तक 16 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रकाशित पुस्तकें: पाश्चात्य दर्शन के सम्प्रदाय, श्रीमद्वाल्लभाचार्य : उनका शुद्धाद्वैत एवं पुष्टिमार्ग, आधुनिक पाश्चात्य दर्शन, भारतीय दर्शन, सुकरात : एक महात्मा सन्त सेन, स्वप्नभंग (कथा संग्रह) व्यास कथा, सलीब पर टंगा एक मसीहा : ईसा, शक्तिशाली विचार करें सपने साकार, श्रेष्ठ जातक कथाएँ। सम्मान: डालमिया पुरस्कार, 1983, श्रीमद्वल्लभाचार्य : उनका शुद्धाद्वैत एवं पुष्टिमार्ग, वागीश्वरी पुरस्कार, 1992, सुकरात : एक महात्मा।