महात्मा गाँधी -\nमोहनदास करमचन्द गाँधी विश्व के ऐसे महान मार्गदर्शक प्रेरणा पुरुष और अग्रणी व्यक्तित्व रहे हैं जो हर प्रकार की तुलना से ऊपर हैं। उनके सत्य, अहिंसा जैसे सिद्धान्त सदैव ही मनुष्यता को मार्ग दिखाते रहेंगे। उनके लिए गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने महात्मा जैसी संज्ञा का प्रयोग किया और वे विश्वभर के लिए महात्मा बन गये। उन्होंने जीवन भर सादगी को अपनाया। अनेक सन्दर्भों में सत्याग्रह किया और विदेशी शासन को परास्त करने का पराक्रम किया। गाँधीजी की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उन्होंने देश को बिना किसी ख़ूनी संघर्ष के आज़ाद कराया और आज़ादी के बाद भी किसी सरकारी पद को स्वीकार नहीं किया अपितु अनेक प्रतिभावान अनुयायियों को जिनमें सरदार पटेल, पंडित नेहरू, जयप्रकाश नारायण आदि-आदि को आगे बढ़ाया तथा उनका मार्गदर्शन करते रहे। इस सन्दर्भ में गाँधीजी सदैव बेमिसाल बने रहे और आज भी करोड़ों देशवासियों के लिए प्रेरणापुंज के तौर पर मार्गदर्शन का काम कर रहे हैं।\nइस पुस्तक में डॉ. प्रभाकिरण जैन ने गाँधीजी के विराट व्यक्तित्व को बड़ी सहज सरल भाषा में व्यक्त करके, नयी पीढ़ी के लिए गाँधीजी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को रेखांकित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया है।
डॉ. प्रभाकिरण जैन - 30 अक्टूबर 1963 को हरबर्टपुर, देहरादून (उत्तराखंड) में जन्म । शिक्षा : राजनीतिशास्त्र में एम.ए., डी.फिल.। प्रकाशन : रंग-बिरंगे बैलून (शिशु गीत); वैशाली के महावीर (बाल काव्य हिन्दी, अंग्रेज़ी); गीत खिलौने (बाल गीत); नागफ़नी सदाबहार है (कविता संग्रह); दस लक्षण (दस रस वर्षण); अनाथ किसान (कहानी); कथासरिता कथासागर, गोबर बनाम गोवर्धन, जमालो का छुरा (कहानी); मनोनयन (राज्यसभा के मनोनीत सांसदों पर शोध पुस्तक); चहक भी ज़रूरी महक भी ज़रूरी (डॉ. शेरजंग गर्ग के साथ); वैशालिक की छाया में (राजेश जैन के साथ सम्पादन); चाणक्य, चैतन्य, महावीर, राम, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, महात्मा गाँधी, अशोक (जीवन कथा) | सम्मान/पुरस्कार: हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा बाल साहित्य सम्मान और बाल एवं किशोर साहित्य सम्मान। आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं अन्य चैनलों पर अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों की प्रस्तुति। स्टार टी.वी. द्वारा व्यंग्य कविताओं के कार्यक्रम का धारावाहिक प्रसारण। विदेशों में भी प्रस्तुतियाँ।
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