मेरा सफ़र - ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित उर्दू के मशहूर शायर अली सरदार जाफ़री की चुनिन्दा शायरी का संग्रह। अली सरदार जाफ़री की शायरी के बारे में सज्जाद ज़हीर का कहना है कि सरदार जाफ़री की बड़ी कविताओं में बड़ी-दीवारी चित्रकारी का आनन्द है। उनके शब्द स्पष्ट और शक्तिशाली हैं, उनकी लय ऊँची और जोश से भरी हुई है; निश्चित रूप से उनकी शैली उपदेशकों-जैसी है, इसलिए कि वे जनसमूह में सुनाने के लिए भी कही गयी हैं। और यह उनका गुण है, अवगुण नहीं। क्या मौलाना रूमी की मसनवी का, मीर अनीस के मरसियों का, इक़बाल के शिकवे का, शेक्सपियर के नाटकों का अन्दाज़ उपदेशकों जैसा नहीं है? ये सब रचनाएँ भी जनसमूह को सुनाने के लिए कही गयी थीं, जाफ़री की कविताएँ इसी विधा की हैं, इनमें सरलता, प्रवाह और सत्यता है और वे सुननेवालों पर सीधा प्रभाव डालती हैं और कामयाब हैं।
अली सरदार जाफ़री - जन्म: 29 नवम्बर, 1913 को बलरामपुर, गोण्डा (उ.प्र.) में और शिक्षा बलरामपुर, लखनऊ, अलीगढ़ और दिल्ली में। अली सरदार जाफ़री का लेखकीय जीवन 1938 में प्रकाशित उनके कहानी-संग्रह 'मंजिल' से आरम्भ हुआ। अभी तक उनके 11 काव्य-संकलन, 2 नाटक, 1 कहानी-संग्रह, 1 संस्मरण-रिपोर्ताज़, और 3 निबन्ध-संग्रह प्रकाशित हुए हैं। उनकी कई प्रमुख रचनाएँ अन्य भारतीय भाषाओं सहित विश्व की अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। अली सरदार जाफ़री अनेक पुरस्कारों एवं उपाधियों से सम्मानित हुए, जिनमें ज्ञानपीठ पुरस्कार, सोवियत लैण्ड नेहरू पुरस्कार एवं 'पद्मश्री' सम्मिलित हैं। सन् 2000 में निधन।
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