नया ब्राह्मण - \n\n-पाठकीय प्रतिक्रियाएँ\n\nसूरजपाल चौहान की कहानियाँ सामाजिक सन्ताप और सम्यक परिवर्तनवादी शक्ति से भरपूर हैं।\n-कमलेश्वर, प्रसिद्ध कथाकार, नयी दिल्ली\n\nसूरजपाल चौहान की कहानियाँ दलित वर्ग की नयी पीढ़ी के अन्तर्द्वन्द्व को सामने रखती हैं।\n-प्रो. विश्वनाथ त्रिपाठी, नयी दिल्ली\n\nसूरजपाल चौहान की कहानियों में दलित-विमर्श के सभी मुद्दे मौजूद हैं, जो इस समय चर्चा और बहस में है। \n-राजेन्द्र यादव, वरिष्ठ कथाकार एवं सम्पादक 'हंस' \n\nसामयिक परिवेश का यथार्थ एवं चित्रण, बग़ैर लाग-लपेट के जितना ख़ूबसूरत तरीक़े से कथाकार सूरजपाल चौहान करते हैं, वह अन्य समकालीन साहित्यकारों में कम ही देखने को मिलता है।\n-प्रो. काशीनाथ सिंह, वाराणसी \n\nकहानीकार के रूप में सूरजपाल चौहान का नाम अब अपनी विशिष्ट पहचान है। उन्होंने दलित समाज में जो कुछ देखा, जाना और भोगा उसे बड़े सूक्ष्म विश्लेषण के साथ यथार्थ के धरातल पर प्रस्तुत किया है। मन को देर तक आन्दोलित करती हैं चौहान की कहानियाँ।\n-डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी, नयी दिल्ली\n\nसूरजपाल चौहान की कहानियाँ उन पूर्वग्रहों एवं मान्यताओं को धूल-धूसरित करने में सक्षम हैं जो यह घोषित करते हैं कि दलित साहित्य के पास सवर्णों को गरियाने के इतर विषय ही नहीं हैं। सूरजपाल चौहान की कहानियाँ दिल एवं दिमाग़ दोनों को झनझना देने वाली हैं।\n-अमित कुमार, गोरखपुर
सूरजपाल चौहान - जन्म : 20 अप्रैल, 1955 फुसावली, जनपद-अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) देश की विभिन्न साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ, गीत, कहानियाँ, बालगीत, लेख, टिप्पणियाँ और कथा-संस्मरण प्रकाशित। प्रकाशित कृतियाँ : कविता-संग्रह, 'प्रयास', 'क्यों विश्वास करूँ' और 'कब होगी वह भोर'। बाल कविताएँ 'बच्चे सच्चे क़िस्से' और 'मधुर बालगीत'। आत्मकथा 'तिरस्कृत' और 'संतप्त'। 'वीर योद्धा मातादीन' (जीवनी), 'हिन्दी के दलित कहानीकारों की प्रकाशित पहली कहानी' (सम्पादन), कहानी-संग्रह 'हैरी कब आएगा' और 'नया ब्राह्मण' अंग्रेज़ी, जर्मन, तेलुगू, मराठी, गुजराती, पंजाबी एवं उर्दू में रचनाएँ अनूदित एवं प्रकाशित। आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं राष्ट्रीय मंचों से काव्य-पाठ। 'साहित्य अकादमी' द्वारा नयी दिल्ली में आयोजित प्रेमचन्द की 125वीं जयन्ती (अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी) में 'प्रेमचन्द एवं दलित विमर्श' पर हिस्सेदारी। सम्मान : हिन्दी साहित्य परिषद्, अहमदाबाद द्वारा सम्मानित कथाकार। रमाकान्त-स्मृति कहानी पुरस्कार से सम्मानित। डॉ. अम्बेडकर मिशन सोसायटी (रजि.) पंजाब द्वारा सम्मानित। देश के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. प्रतिभा पाटिल द्वारा वर्ष 2006 के लिए 'सुब्रह्मण्यम भारती' पुरस्कार से सम्मानित।
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