"नए दौर का नया सिनेमा" एक पुस्तक है जिसका लेखक प्रियदर्शन है। यह पुस्तक उनके दृष्टिकोण और अनुभव के माध्यम से फिल्म उद्योग के नए परिप्रेक्ष्य और युग के सिनेमा की नई दिशाओं की खोज करती है। प्रियदर्शन के द्वारा प्रस्तुत किए गए विचार और अनुभव सिनेमा के प्रशासनिक, वित्तीय, और विनोदी दृष्टिकोण से विस्तृत रूप से प्रस्तुत किए गए हैं।\n\nयह पुस्तक फिल्म उद्योग में हो रही नई प्रक्रियाओं, तकनीकी उन्नतियों, और कलाकारों की नई पहचान की मानवीय और सांस्कृतिक पहलुओं को दर्शाती है। प्रियदर्शन द्वारा लिखित इस पुस्तक में आम जनता और सिनेमा प्रेमियों को सिनेमा की नवीनताओं और उसके रूप-रंग की अनदेखी दुनिया को जानने का मौका मिलता है।\n\n"नए दौर का नया सिनेमा" विशेष रूप से सिनेमा के प्रशासनिक और वित्तीय पहलुओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकती है, जो इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले व्यक्तियों और विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
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