पूर्णाहुति । Poornahuti

  • Format:

"पूर्णाहुति' क्षत्रिय शौर्य का आख्यान है। अकबर के चित्तौड़ आक्रमण के समय सवा लाख की मुगल सेना से सिर पर भगवा बाँधकर अंतिम साँस तक जूझने वाले कुछ हजार स्वाभिमानी योद्धाओं, और मुख में तुलसी-गंगाजल लेकर अग्नि में उतर जाने वाली देवियों की गाथा ! एक मार्मिक कहानी, जिसमें एक ओर प्रेम है, भक्ति है, शौर्य है और है मातृभूमि के लिए बलिदान देने का ओजपूर्ण भाव ! तो दूसरी ओर क्रूरता है, बर्बरता है, लूट है, घृणा है, और है सबकुछ तहस-नहस कर देने का राक्षसी हठ !

\n

बर्बर आक्रांताओं का सामना करने निकली सभ्यता जिन तर्कों के साथ उस महाविनाश का सामना करती है, वह भविष्य में भी सदा प्रासंगिक रहने वाली है। इसी कारण यह कथा महत्त्वपूर्ण हो जाती है।

\n

चित्तौड़ युद्ध में विजय के बाद चालीस हजार साधारण ग्रामीणों की हत्या करने वाले निर्दयी आक्रांता अकबर की आधुनिक इतिहासकारों द्वारा गढ़ी गई झूठी उदार छवि की कलई खोलता यह उपन्यास बताता है कि संसार में सर्वाधिक आक्रमण झेलने के बाद भी भारत अपनी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति के साथ पुष्पित-पल्लवित हो रहा है, तो इसका मूल कारण क्या है।"

बिहार के गोपालगंज में जनमे सर्वेश पेशे से अध्यापक हैं और चर्चित लेखक भी। विचारों में विशुद्ध भारतभाव लिये सर्वेश युवाओं में अच्छे-खासे लोकप्रिय हैं। 'पूर्णाहुति' उनकी तीसरी पुस्तक है। उनकी पहली पुस्तक 'परत' ग्रामीण राजनीति और प्रेम के नाम पर की जानेवाली धूर्तता को केंद्र में रखकर लिखा गया मार्मिक उपन्यास है, और दूसरा उपन्यास 'पुण्यपथ' पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा पर आधारित है। दोनों ही पुस्तकें खूब चर्चित और बेस्टसेलर रही हैं। सर्वेश समसामयिक मुद्दों पर मुखरता से बोलते हैं। वे 'राजस्थान पत्रिका' अखबार में नियमित कॉलम लिखते रहे हैं।

Sarvesh Tiwari ‘Shreemukh’

Customer questions & answers

Add a review

Login to write a review.

Related products

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟